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इंकार / रेणु हुसैन
Kavita Kosh से
मैंने मांगा एक सितारा
मुझे मिला एक बीहड़ जंगल
मैंने मांगा एक किनारा
मुझे मिला एक बड़ा समंदर
मैंने मांगी आजादी
मुझे मिली एक चारदीवारी
मैंने मांगी अपनी पहचान
इंकार में उठे हज़ारों हाथ
एक साथ