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उदास लड़की / हरप्रीत कौर
Kavita Kosh से
दुख उसे कोई नहीं बस
धूप में बैठकर
सोचती है
चिड़िया की तरह
उड़ रहे दिनों के बारे में
और
उदास हो जाती है