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और तुम / रमेश कौशिक
Kavita Kosh से
पेड़
पहनते नहीं हैं
पैंट
नदी
नहीं बाँधती हैं
साड़ी
फूलों को चूमो
मुँह नहीं फेरेंगे
और तुम .....
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