करोॅ प्रतिज्ञा / अवधभूषण मिश्र
भारत के नव स्वराज्य पन्द्रह अगस्त के जय बोलोॅ ।
अस्सी करोड़ भारतवासी जन-गण समस्त के जय बोलोॅ ।
मांगलिक पर्व में सर्वप्रथम सुधि लेॅ शहीद बलिदानी के ।
जे जब स्वराज लेॅ मर मिटलै सुधि लेॅ वै जीवन दानी के ।
लाठी, कारा, गोली, फाँसी भोगी स्वराज्य-सेनानी के ।
तों नमन करोॅ माथा झुकाय सब मातृभूमि के मानी के ।
सरदार, भगत, आजाद, खुदी बिस्मिल के नाम याद कैकेॅ ।
भारत में काल्हे भेलोॅ मुक्ति विप्लव शस्त्रा के जय बोलोॅ ।
जय बोलोॅ ह्यूम मुखर्जी के जय तिलक, गोखले, गाँधी के ।
मोती नेहरू, नेता सुभाष, जे. पी., लोहिया गुरु ज्ञानी के ।
तों देशरत्न के जय बोलोॅ, नेता पटेल तूफानी के ।
नेता अशोक, नेता नरेन्द्र, जय इन्दु राष्ट्रबन्धु वाणी के ।
जय बोलोेॅ नाम-अनाम समै स्वातंत्रय समर के सैनिक के ।
जय बोलोॅ सत्य-अहिंसा के विप्लव सशस्त्रा के जय बोलोॅ ।
तों करोेॅ प्रतिज्ञा भुज उठाय जन-जन केॅ सुखी बनैवै हम्में ।
आपनोॅ धरती केॅ रखि अखंड हर भ्रष्टाचार मिटैवै हम्में ।
जे ठाँव अन्हरिया अभियो छै नव दीपक वहाँ जलैवै हम्में ।
लड़ी दुःख-दैन्य गरीबी सें समता सरकार बनैवै हम्में ।
हम राजतंत्रा; साम्राज्यवाद खलतंत्रा के नाश करवे करवै ।
तों स्वार्थवाद-अलगाववाद के आज गर्व सें क्षय बोलोॅ ।