भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कहावतें / मदन कश्यप
Kavita Kosh से
किसी न किसी सच पर ही
टिकी होती हैं कहावतें
परंतु एक बार जब वे चल जाती हैं
तो सच्चाई बिल्कुल ओझल हो जाती है
फिर कहावतों को सच मानकर
सच को नकारने लगते हैं हम
हंस दूध का दूध और पानी का पानी नहीं करता
करता यह है कि सारा दूध पी जाता है
और छोड़ देता है पानी!