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क्यों टेरा / भवानीप्रसाद मिश्र
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मेरा लहरों पर डेरा
तुमने तट से मुझे
धरती पर क्यों टेरा
दो मुझे अब मुझे
वहाँ भी वैसी
उथल-पुथल की ज़िन्दगी
आदत जो हो गई है
डूबने उतराने की
तूफ़ानों में गाने की
लाओ धरो मेरे सामने
वैसी उथल-पुथल की ज़िन्दगी
और तब कहो आओ
मेरा लहरों पर डेरा
तुमने मुझे तट से
धरती पर क्यों टेरा !