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खजुराहो / अनीता कपूर
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आकाश की निरभ्रता में
अपना भव्य शिखर उठाए
तुम एक अट्टालिका जैसे
इन्द्रजाल की तरह
सम्मोहित करते
खुद में
एक
पूरा खजुराहो हो
अजब सी आनंद की
अनुभूति से भर देते हो