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गुरुदेव के लिए / सौरभ
Kavita Kosh से
तुम कुछ बोलते नहीं
कुछ करते भी नहीं
पर
तुम्हारी मौजूदगी में
सब होता जाता है
स्वतः ही
हम बहुत कुछ सोचते हैं
करते हैं
होता वही है
जो होना है
तुम्हारी मौजूदगी में।