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चुटपुटकुले (कविता) / अशोक चक्रधर
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					चुटपुटकुले 
ये चुटपुटकुले हैं,  
हंसी के बुलबुले हैं। 
जीवन के सब रहस्य 
इनसे ही तो खुले हैं, 
बड़े चुलबुले हैं, 
ये चुटपुटकुले हैं।  
माना कि  
कम उम्र होते 
हंसी के बुलबुले हैं, 
पर जीवन के सब रहस्य  
इनसे ही तो खुले हैं, 
ये चुटपुटकुले हैं।  
ठहाकों के स्त्रोत  
कुछ यहां कुछ वहां के, 
कुछ खुद ही छोड़ दिए 
अपने आप हांके। 
चुलबुले लतीफ़े 
मेरी तुकों में तुले हैं, 
मुस्काते दांतों की 
धवलता में धुले हैं, 
ये कविता के  
पुट वाले 
चुटपुटकुले हैं।
 
	
	

