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चुनरी सम्हार / त्रिलोकीनाथ दिवाकर
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					चुनरी सम्हार, गोरी चुनरी सम्हार
बहै छै पछिया बयार गोरी..
चुनरी सम्हार, गोरी चुनरी सम्हार
मटक-मटक चलेै गोरी खेत डगरिया
फुर-फुर उड़ैने गोरी धानी चुनरिया
तोरो नदानी देखी चनकै रहार
चुनरी सम्हार, गोरी चुनरी सम्हार।
कारो तोरो केश देखी मेघो भरमाबै
ठोरो के लाली देखी सुगबा उमताबै
माँगै चँनरमा तोरो मुखड़ा उधार
चुनरी सम्हार, गोरी चुनरी सम्हार।
ढरकै छै देही पर छर्र-छर्र पसीना
टरकै छै सुरजों नै, दमकै वही ना
तरसी के मेघ करै घनगर छहार
चुनरी सम्हार, गोरी चुनरी सम्हार।
 
	
	

