भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ज़ोजे सरामागो

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ज़ोजे सरामागो
Jose Saramago.jpg
जन्म 16 November 1922
निधन 18 जून 2010
उपनाम José de Sousa Saramago
जन्म स्थान अज़ीनयागा दो रिबातेज़ो, सन्तारेम, पुर्तगाल
कुछ प्रमुख कृतियाँ
्पाप की भूमि (1947, उपन्यास), सम्भावना (1966, कविता-संग्रह), आनन्दोल्लास (1970, कविता-संग्रह), लेख (1976, राजनीतिक लेख), पेण्टिंग और कैलोग्राफ़ी के नियम (1977), कड़ी आपत्ति है (1978), रिकार्डो रेस की मौत का साल (1984, उपन्यास), लिस्बन की घेराबन्दी का इतिहास (1989, उपन्यास)
विविध
1998 में साहित्य का नोबल पुरस्कार पाने वाले ज़ोजे सरामागो पूरी तरह से नास्तिक थे। यहाँ तक कि उन्होंने अपने दो उपन्यासों में बाइबिल की कथाओं और उसके वाक्यों को शामिल करके उनका ख़ूब मज़ाक उड़ाया है। इनमें से एक उपन्यास का नाम था — जीसस क्राइस्ट के उपदेश। ज़ोजे सरामागो प्रेम को मानवीय जीवन का आधार मानते थे। उन्होंने कैथोलिक ईसाई धर्म, अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और यूरोपीय संघ जैसी संस्थाओं को अपने हास्य का केन्द्र बनाकर यह कहा कि इन पूंजीवादी संस्थाओं की जीवन के विकास के लिए कोई ज़रूरत ही नहीं है। ये संस्थाएँ तो मानव को मानव का ग़ुलाम बनाने के लिए बनाई गई हैं। नोबल पुरस्कार के अलावा इन्हें 1995 में कामू पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। 1969 में पुर्तगाली कम्युनिस्ट पार्टी का सदस्य बनने के बाद आजीवन कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य रहे।
जीवन परिचय
ज़ोजे सरामागो / परिचय
कविता कोश पता
www.kavitakosh.org/

कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ