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जाति विहीन / लीलाधर जगूड़ी
Kavita Kosh से
अयोग्य की जाति मत बनने दो
अयोग्यता को मत बनने दो इन्द्रियों का गोत्र
कोई न कोई योग्यता पैदा करने में मदद करो
अयोग्य की
वह जाति विहीन होगा तो कम बोझ होगा
जातीय बोध से बनी व्यवस्थाओं के लिए ।