भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तलवार / सुरेन्द्र डी सोनी
Kavita Kosh से
तुम्हारी बाँदी नहीं हूँ मैं
कि चुम्बन का प्रत्युत्तर
चुम्बन से दूँ...
एक क्षण की इस तलवार ने
आधी सदी के आलिंगन का सिर काट दिया..!