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तांका / रमेशकुमार सिंह चौहान
Kavita Kosh से
1.
झांक तो सही
अपन अंतस ला
फेर देखबे
दुनिया के गलती
कतका उथली हे।
2.
बारी बखरी
खेत खार परिया
घाट घठौन्धा
कुॅंआ अऊ तरिया
सरग कस गांव हे।
3.
हो जाथे मया
बिना छांटे निमेरे
काबर फेर
खोजत हस जोही
हाथ मा दिल हेरे।