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दिन आएगा / सोनरूपा विशाल
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दिन आएगा।
है मुझको यक़ीं, दिन आएगा । दिन आएगा।
बेख़ौफ़ चुनर लहरायेगी, हर चिड़िया झूम के गायेगी।
हर दुख जब घुटने टेकेगा, हर सुख जब बाज़ी जीतेगा।
जब हर चेहरा मुस्कायेगा, घर घर में उजाला जाएगा।
दिन आएगा।
सब सबको अपना समझेंगे,सबके मन फूल से महकेंगे।
नफरत की अंधेरी राहों से हम नफ़रत कर मुँह फेरेंगे।
कोई न हमें भरमायेगा।
दिन आएगा।
मेहनत से लिखेंगे किस्मत को,पाएंगे तेरी हर नेमत को।
अपना हक़ अपना ही होगा,औरों के लिए सपना होगा।
जिसे छीन कोई ना पायेगा।
दिन आएगा।
हर बचपन में किलकारी हो,सीधे रस्ते पे जवानी हो।
हर बूढ़ी उमर आबाद रहे,सबका जीवन अब शाद रहे।
सपना ये सच हो जाएगा।
दिन आएगा।