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धरती: 1 / मीठेश निर्मोही
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कोठलियौ झाड़-बुवार
निसंक नचीता
राळ देवां पूंख
थारा ई दियोड़ा
थारी कूख
अर
थारै ई परताप
भरणां दर भरणां
भखारियां भरां।
बाड़ां नै बागरां
अर खेतां नै पचावा
संभळाय
म्हे थनै अेकर पाछी
बिसराय दां
तौ ई
आमनौ को जतावै नीं
थूं।