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धिरज धैर / विजय गौड़
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धिरज धैर,
त्येरि अर्जी मंजूर होलि, आज न त भोल,
तु बि मसहूर होलि।।
कोसिस त्येरा हथ मा च,
वेमा कसर नि छोड़,
दिन हो या रात,
तु कनु रै उठा-पोड़।
मेहनत सब्यों कन पुडद लाटा, हिटल्यां बल्द हों,
या अणहिटल्यां बोड़,
तू बीज बुतदु रै,
एक दिन फसल भरपूर होलि,
आज न त भोल तु बि मसहूर होलि!!!
बगतै मार से,
घबरै आस न छोड़,
लग्युं रै बाटू,
सीं सांस नि तोड़,
भला दिन जरुर बौडदन लोला, मनै बैमन तू बाटू नि मोड़,
तू जोर लगाणु रै,
सुणे उख जरुर होलि,
आज न त भोल तु बि मसहूर होलि!!!
अंधेरु नि रैणों सदनि ये जहाँन मा, त्येरु बि झंडा उडलु असमान मा, आस-सांस तु बिसरि नि जै,
तेरु बि नौ होलु कबि महानो मा, अधीर नि होण,
मनसा जल्द हि पूरि होलि,
आज न त भोल तु बि मसहूर होलि!!!