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धुंध / रोहित ठाकुर

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धुंध में तैर रहे हैं चेहरे
धुंध एक समुद्र की तरह है
धुंध में हिल रहे हैं हाथ
धुंध एक समुद्र की तरह है
धुंध में खो रही है रोशनी
धुंध एक समुद्र की तरह है
धुंध में कोई दिवार खड़ी है
धुंध एक समुद्र की तरह है
धुंध में खो गयी है रेलगाड़ी
धुंध एक समुद्र की तरह है
धुंध खेल रही है आँख मिचौली
धुंध एक समुद्र की तरह है
धुंध लौट रही है
धुंध एक समुद्र की तरह है
वह हर कुछ जो लौटता है
समुद्र की तरह नहीं होता
खाली हाथ घर लौटता आदमी
लौट कर भी नहीं लौटता
उसकी आँखों में धुंध लौटती है
धुंध का घर एक खाली होता आदमी है
 एक खाली होते आदमी के आँख की चमक
धुंध ही बहा कर ले जाती है
धुंध एक समुद्र की तरह है