भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नया पता / विजय गुप्त
Kavita Kosh से
कई रंग-रूप-आकार वाले
इश्तहार की तरह
बदला जाता रहा
बाज़ार ने नफ़ासत और
बेहद सलीके़ से
एक-एक पहचान
मिटा दी ;
हाथ, पाँव, आँखें, दिमाग़
यहाँ तक कि
दिल भी
प्राइज़-लिस्ट की तरह
टंग गया
शॉपिंग मॉल में ।
कभी एक अच्छा भला शख़्स
रहा करता था यहाँ
जिसका नया पता है
आइटम नंबर 13
शॉप 22 बटा 72
थर्ड फ्लोर,
भगतसिंह मार्केट
ब्रह्म-रोड, अम्बिकापुर
जिला - सरगुजा, छत्तीसगढ़
497001