भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पहाड़ / एकांत श्रीवास्तव

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पहाड़
बच्‍चों के सबसे अच्‍छे दोस्‍त हैं
उनकी छोटी-छोटी इच्‍छाओं
और सपनों के लिए चिन्तित

छोटी-सी इच्‍छा है बच्‍चारें की
कि वे पहाड़ के कंधे पर बैठकर
उड़ायें अपनी पतंगें

और आवाज दें
मीठे पानी की नदी को
कि वह उनके गांव के करीब से बहे

पहाड़ भर देते हैं
बच्‍चों की कमीज की जेबें
करौंदे और मीठे जामुन से

जब नींद में होते हैं बच्‍चे
केवल पहाड़ जाग रहे होते हैं
जंगली जानवरों की गुर्राहटों से
बच्‍चों के सपनों को
सुरक्षित रखने की चिंता में

चाहते हैं बच्‍चे
कि वे अपने सपनों में
पहाड़ों को बुलायें
जैसे बुलाते हैं उन्‍हें पहाड़
अपनी खुशबू, फल
और फूल देने के लिए

बहुत छोटे हैं बच्‍चे
बहुत छोटी है उनकी इच्‍छा
कि दुनिया पहाड़ की तरह सुन्‍दर हो
खुशबू से भरी
फलदार.