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पिंजरे / समृद्धि मनचन्दा
Kavita Kosh से
ओ पगली लड़की !
तुम पिंजरे की नहीं
जँगलों की हो
स्थिरता नहीं उत्पात चुनो
अपनी माँओं को जन्म दो
बेटियों को रीढ़
कोई पर्यावरणविद् कभी नहीं बताएगा
कि एक ज़िद्दी लड़की
दुनिया का सबसे लुप्तप्राय जीव है