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पुल / ओक्तावियो पास
Kavita Kosh से
इस पल और इस पल के बीच,
मैं हूँ और तुम हो के बीच,
एक शब्द है पुल ।
उसको पार करते समय
तुम पार करते हो अपने आप को :
दुनिया जुड़ने लगती है
और हो जाती है एक छल्ले की तरह बंद ।
एक तट से दूसरे तट तक,
हमेशा होती है
एक फैली हुई देह :
इन्द्रधनुष ।
मैं सोऊँगा उसकी मेहराबों के तले ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : रीनू तलवाड़