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पैजामा / भोला पंडित प्रणयी
Kavita Kosh से
पाँवों का सुरक्षा-वस्त्र
पैजामा ने मुझे
सदा से
पैजामें में रहने का ढंग सिखाया है,
जिसने
शालीनता-शिष्टता के साथ-साथ
दो पाँवों पर खड़ा रहने की
तहजीब ही नहीं दी, वरन्
जीवन की अनेक कारगुजारियों को
अमली जामा पहना
अपने को कभी
पैजामे से बाहर नहीं होने दिया ।