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प्रजातन्त्र में / मदन डागा
Kavita Kosh से
तुम मुझे
सेठों की तिजोरी का ताला बना
लटका देना चाहते हो !
पर ऎसे तालों पर
मज़दूर की एक चोट हूँ मैं
प्रजातन्त्र में
समझ से दिया वोट हूँ मैं !