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बनारस-3 / रामकृष्ण पांडेय
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शाम हुई
लोगों ने आरती उतारी
गंगा जी की
दीप जलाए
पूजा-अर्चना की
मनौती मानी
फिर प्रवाहित कर दिए
प्रज्वलित दीप
गंगा जी में
प्रवहमान हैं निरन्तर
उनकी आशाओं-आकांक्षाओं के दीप
समय की धारा में