बरख्याळ द्यो / सुन्दर नौटियाल
बरख्याळ द्यो मो सुरम्याळी तेरी याद
सुर-सुर टिपक्याळी बुंदक्यों का बाद ।
भीज्यां बदन पर बरखा की मार -2
अंग-अंग भिजौंदी यीं बरखा का बाद ।।
धरती बणीगै प्यारी सी ब्योली
बर्फ की चदरी न ढकी गैन फ्योंली ।
चखुली पोथुली बि कखी जाणी होली
कफलु-हिलांस बि कखि ठकठ्याणी होली ।
सजीलु सिंगार कैदी ब्योली का बाद ।
बरख्याळ द्यो मा ............।
गाडो-गदनों मां गग्द्याट पाणी कु
कै थैं डराणु होलु आज जाणी यू ।
छप-छपन्यी यीं धरती का बीच
गर्र धुन मा अपड़ी कख होलु जाणु यू ।
गगडा़ंदी किकड़ांदी यीं लोळी का बाद ।
बरख्याळ द्यो मा ............।
थमीगै बरखा डांडी चमकी गे
हरी-भरी ढाळी अब चांदी की ह्वे गे ।
सुबेर शाम ह्वे सुन्याली डांडी
बरफिली हवा भी गात झझरैगे ।
किटकदा दांत झझरांदी गात का बाद ।।
बरख्याळ द्यो मा
सुर-सुर टिपक्याळी ..........।