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बारिश / ओम पुरोहित ‘कागद’

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मरुधरा पर
बारिश का बरसना
केवल पानी का गिरना नहीँ
बहुत कुछ बंधा है यहां ।
...
जैसे कि पेड़-पोधोँ की रंगत
मोर का नृत्य
प्रेमी वृंद के
मिलन की चाह
किसान की उम्मीद
सरकारी योजनाएं
बजट की परवाज !

बारिश सोख भी सकती है
कर्ज मेँ आकंठ डूबे नत्थू
अधबूढ़ी कंवारी बिमली के
कई सावन से टपकते आंसू ।

मरुधर जिन्हे
संजोए बैठी है
बारिश की आस मेँ
अंकुरित हो
कुंठित बीज
बचा सकते हैँ
मिटती लाज मरुधर की
बारिश मेँ !