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बुलाहट / श्रीनिवासी
Kavita Kosh से
कौन रात्रि में हमके बुलाइस है?
आवाज बाहर से धीरे से आइल है
मालूम ना है कौन पुकारिस
काहे के हमारे द्वार पर आइल है।
नेवता लेकर साइद नाउ है
गुसाइके के जाने फिर लौट गइल
सरमसे आलस हम रह गइली
कौन रात्रि में हमके बुलाइस है?
अँधियार में चिराग लेकर
मेढ़ी पर से आ पुकारिस
जवाब देली गदगद दिल से
उसको जो हमार भगवान है।