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मां / शिवराज भारतीय
Kavita Kosh से
लाड कोड रो समंदर मां,
मो‘ ममता रो मिदंर मां।
चोखी-चोखी बात सुणावै,
लोरी गा‘र सुआवै मां।
मां कैयां मुंडो भर आवै,
हियै हेत सरसावै मां।
मिनख भलाई बणै डोकरो,
उणनै समझै टाबर मां।
सगळा तीरथ धाम उठै ई,
जिण घर हरखै मुळकै मां।
मां री होड़ करै कुण दूजो,
परमेसर भी पूजै मां।