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युद्ध / कविता वाचक्नवी
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युद्ध
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तुम्हारे युद्ध
धर्म, भाषा व क्षेत्र के
आकांक्षा, प्रभुत्व, लालसा
अधिकारों की त्राहि-त्राहि।