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विजयोत्सव / महेन्द्र भटनागर

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एरोड्रोम पर

विशेष वायुयान में
पार्टी का
लड़ैता नेता आया है,
'शताब्दी' से
स्टेशन पर
कांग्रेस का
चहेता नेता आया है,
'ए-सी एम्बेसेडर' से
सड़क-सड़क,
दल का
जेता नेता आया है,
भरने जयकारा,
पुरज़ोर बजाने
सिंगा, डंका, डिंडिम,
पहुँचा
हुर्रा-हुर्रा करता
सैकड़ों का हुजूम!
पालतू-फालतू बकरियों का,
शॉल लपेटे सीधी मूर्ख भेड़ों का,
संडमुसंड जंगली वराहों का,
बुज़दिल भयभीत सियारों का!
में-में करता
गुर्रा-गुर्रा हुंकृति करता
करता हुऑं-हुऑं!
चिल्लाता _
लूट-लूट,
प्रतिपक्षी को ....
शूट-शूट!
जय का जश्न मनाता
'गब्बर' नेता का!