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विडम्बना / विश्वनाथप्रसाद तिवारी

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निकल पड़े हैं
प्रभु और पैगम्बर की रक्षा के लिए
चाकू चमकाते
गंगू और अहमद पहलवान

नहीं सुनाई पड़ती
मन्दिर में घण्टा-ध्वनि
मस्जिद में अजान

छितराए पड़े धर्मग्रन्थों के पन्ने
सड़क पर
तड़पता है सर्वशक्तिमान
लहुलुहान।