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सरवरियो / कन्हैया लाल सेठिया
Kavita Kosh से
कोई पीवो चिड़ी कमेड़ी
सरवरियो कद पालै ?
चांच चळू में फरक पड़ै के
बूतै सारू ले ल्यो,
भरो भलाईं घड़ो न बरजै
संको मती सहेल्यो,
ओ दिल रो दरियाव गगण रै
आंसूड़ा नै झालै,
कोई पीवो चिड़ी कमेड़ी
सरवरियो कद पालै ?
तिरियां मिरियां भरयो हियै रो
हेत हबोळा खावै,
किस्यो पलींड़ो आं मनवारां
तिरसांया नै पावै ?
आठों पौर आंगणै ईं रै
लैरां घूमर घालै,
कोई पीवो चिड़ी कमेड़ी
सरवरियो कद पालै ?
खरो ज्ञान रो मोती उपन्यो
ईं रै गहरै पाणी,
डूबा आप रै आपै नै ओ
सत री जोत पिछाणी,
समदरसी ओ बिना धिनांयां
जग रो कळख उजाळै,
कोई पीवो चिड़ी कमेड़ी
सरवरियो कद पालै ?