भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
साँचा:KKRekhankit
Kavita Kosh से
रेखांकित रचनाकार
रेखांकित रचनाकार | |
शमशेर बहादुर सिंह का जन्म मुजफ्फरनगर के एलम ग्राम में हुआ। शिक्षा देहरादून तथा प्रयाग में हुई। प्रयोगवाद और नई कविता के कवियों की प्रथम पंक्ति में इनका स्थान है। इनकी शैली अंग्रेजी कवि एजरा पाउण्ड से प्रभावित है। इनके मुख्य काव्य संग्रह हैं- 'कुछ कविताएँ', 'कुछ और कविताएँ', 'इतने पास अपने', 'चुका भी नहीं हूँ मैं', 'बात बोलेगी', 'उदिता' तथा 'काल तुझसे होड है मेरी'। ये कबीर सम्मान तथा साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हुए। |
रचना
खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार
रचनाकार: त्रिलोचन
खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार अपरिचित पास आओ
आँखों में सशंक जिज्ञासा मिक्ति कहाँ, है अभी कुहासा जहाँ खड़े हैं, पाँव जड़े हैं स्तम्भ शेष भय की परिभाषा हिलो-मिलो फिर एक डाल के खिलो फूल-से, मत अलगाओ
सबमें अपनेपन की माया अपने पन में जीवन आया
काव्य मोती
एक काव्य मोती |
ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई में |
<headertabs/>