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सुनो ब्राह्मण! / असंगघोष

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ब्राह्मण!
तुमने कहा
मैं ब्रह्म के मुख से
पैदा हुआ,
गाँव का ठाकुर
हाथों से जन्मा,
उदर से बनिया,
मेरा जन्मना
तुमने ब्रह्म के पैरों से बताया
इस तरह सृष्टि रची गई।

तुम्हारे अनुसार
ब्रह्म ने भिन्न-भिन्न अंगों से
मानव पैदा किए
प्रश्न उपस्थित होता है
क्या ब्रह्म योनियों के बने थे?
या
मुख, हस्त, उदर, पाँव मैथुन के आदी थे?
बोलो!
हे उत्तर पास?