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सुमरण / कन्हैया लाल सेठिया
Kavita Kosh से
सुमरण !
घणाई
गुड़कावै
मिणियां
घणाईं करै भजन
पण
करै जको
चीत
निज रा औगुण
बीं नै ठा
कांईं हुवै
सुमरण !