भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सौदेर / धनेश कोठारी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

माया का सौदेर छां हम

इन्कलाब जिन्दाबाद

बैर्यों बग्तौ चेति जावा

निथर होण मुर्दाबाद

 

कथगै अंधेरू होलु

हम उज्याळु कैद्योंला

भाना कि बिंदुलि मा

गैणौं तैं सजै द्योंला

हम सणि अळ्झाण कु

कत्तै करा न घेरबाड़

 

हत्तकड़ी मा जकड़ि पकड़ी

जेल भेजा चा डरा

बणिगेन हथगुळी मुट्ट

इंतजार अब जरा

लांकि मा च प्रण प्रण

लौटा छोड़ा हमरी धद्द

 

क्रांतिकारी भौंण गुंजणी

हिमाला कु सजायुं ताज

मौळ्यार कि टक्क धरिं च

घाम बि जग्वाळ् आज

हम सणिं बिराण कु

जम्मै न कर्यान् उछ्याद