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हम / शिवराज भारतीय
Kavita Kosh से
हम है भारत मां के लाल
कभी नही घबराएंगें,
खेलकुद कर पढ़ लिखकर
जग में नाम कमाएंगें।
हम है धरती मां के फूल
भेद-भाव को जाएँ भूल,
घर-आँगन को महकाएँ
हंसकर सबको गले लगाएँ।