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हाइकु 118 / लक्ष्मीनारायण रंगा
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धरती माता!
काटै थारा बेटा ई
थारा हांचळ
हर पांख नैं
उडण नैं चाइजै
हवा रो साथ
सौभागिया है
जिणां नैं याद राखै
आगै री पीढ्यां