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हाइकु 72 / लक्ष्मीनारायण रंगा
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जीवण तो है
मिरतु-समंद री
अेक लहर
आणो‘र जाणो
ओ रस्तो है पैछाण्यो
डरपै क्यूं रे!
सत्ता तो धारै
विराट अवतार
आपां अर्जुन