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हिमायत / कुमार कृष्ण
Kavita Kosh से
गन्ने की तरह गाँठदार
अमरूद की तरह अनगिनत बीजवाली
लिखो तुम कविताएँ बेशुमार
वर्णमाला के अक्षरों में
अ से ज्ञ तक
बचा लो मेरे दोस्त,
पृथ्वी की मिठास।