अंत्येष्टि से पूर्व / जोशना बनर्जी आडवानी
हे देव
मुझे बिजलियाँ, अँधेरे और साँप
डरा देते हैं
मुझे घने जंगल की नागरिकता दो
मेरे डर को मित्रता करनी होगी
दहशत से
रहना होगा बलिष्ठ
हे देव
मैने एक जगह रुक वर्षो
आराम किया है
मुझे वायु बना दो
मै कृषकपुत्रों के गीले बनियानों
और रोमछिद्रों मे
समर्पण करूँ खुद को
हे देव
मै अपने माता-पिता की
सेवा ना कर सकी
मुझे ठंडी ओस बना दो
मै गिरूँ वृद्धाश्रम के आँगन के
गीली घासो पर
वे रखे मुझपर पाँव और मै
उन्हे स्वस्थ रखूँ
हे देव
मैं कभी सावन मे झूली नही
मुझे झूले की मज़बूत गाँठ बना दो
उन सभी स्त्रियो और बच्चो को
सुरक्षित रखूँ
जो पटके पर खिलखिलाते हुए बैठें
और उतरें तो तृप्त हो
हे देव
कुछ लोगों ने छला है मुझे
मुझे वटवृक्ष बना दो
सैकड़ो पक्षी मेरे भरोसे
भोर मे भरें उड़ान और रात भर करें
मुझमें विश्राम
मै उन्हे भरोसेमंद सुरक्षित नींद दूँ
हे देव
मेरा सब्र एक अमीर
नवजात शिशु है
हर क्षण देखभाल माँगता है
मुझे एक हज़ार आठ मनकों
वाली रूद्राक्ष माला बना दो
मेरे सब्र को होना
होगा अघड़
हे देव
मुझे चिठ्ठियों का इंतज़ार रहता है
मुझे घाटी के प्रहरियों की पत्नियों
का दूत बना दो
उन्हें भी होता होगा संदेसों
का मोह
मै दिलासा दे उन्हे व्योम
कर सकूँ
हे देव
मैने सवालों के बीज बोए
वे कभी फूल बन ना खिल सकें
मुझे भूरी संदली मिट्टी बना दो
मै तपकर और भीगकर
उगाऊँ कई कई
सैकड़ो खलिहान
हे देव
मै धरती और सितारों के बीच
बेहद बौनी लगती हूँ
मुझे ऊँचा पहाड़ बना दो
मै बादल के फाहों पर
आकृतियाँ बना उन्हे
मनचाहा आकार दूँ
हे देव
मै अपनी पकड़ से फिसल कर
नही रच पाती कोई दंतवंती कथा
मुझे काँटेदार रास्ता बना दो
मेरे तलवो को दरकार है
टीस और मवाद के ठहराव की
अनुभव लिखने को
हे देव
चिकने फर्श पर मेरे
पैर फिसलते है
मुझे छिले हुए पंजे दो
मेरे पंजो के छापे
सबको चौराहों का
संकेत दें और करें
उनका मार्गदर्शन
हे देव
मेरे आँसू घुटने टिका
बहने को तत्पर रहते हैं
मुझे मरूस्थल बना दो
वीरानियो और सूखी धरा को
ये हक है कि वे मेरे अश्रुओं
को दास बना लें
हे देव
प्रेम मेरी नब्ज़ पकड़
मेरी तरंगे नापता है
मुझे बोधिसत्व का जखीरा बना दो
त्याग मेरा कर्म हो
मुझे अस्वीकार की
स्वतन्त्रता चाहिए
हे देव
मेरे कुछ सपने अधूरे रह गए है
मुझे संभव और असंभव के बीच
की दूरी बना दो
मै पथिको का बल बनूँ
उनकी राह की
बनूँ जीवनगाथा
हे देव
मैने अब तक पुलों पर सफर किया है
मुझे तैराक बना दो
मै हर शहरी बच्चे को तैराकी
सिखा सकूँ
शहर के पुल बेहद
कमज़ोर हैं
हे देव
मेरे बहुत से दिवस बाँझ रहे है
मुझे गर्भवती बना दो
मेरी कोख से जन्मे कोई इस्पात
जो ढले और गले केवल
संरक्षण करने को
सभ्यताओं को जोड़े रखे
हे देव
मै अपनी कविताओं की किताब
ना छपवा सकी
मुझे स्याही बना दो
मै समस्त कवियों की
लेखनी मे जा घुलूँ
और रचूँ इतिहास