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अलग घरों मे / नील्स फर्लिन
Kavita Kosh से
हम रहते हैं अलग घरों में
लेकिन करते है सामना एक ही स्थिति का.
इसलिए थक जाते हैं, एक एक कर.
गहरे कहीं ईश्वर के वृहद् प्रकाश में
(जो मात्र माचिस की तीली के प्रकाश सा है
सर्द रास्तों के शोर में)
हमारी हथेलियाँ अधिकाधिक सुकून पाती हैं.
(मूल स्वीडिश से अनुवाद : अनुपमा पाठक)