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असन्तुष्टों की आवाज / रेखा चमोली
Kavita Kosh से
कोशिश तो बहुत की उन्होंने
अच्छे से बोलें
चेहरे के हाव-भावों से
सामने वाला परेशान न हो
शारीरिक मुद्राओं में न दिखे असन्तुलन
पर ऐसा हो न सका देर तक
असन्तुष्टों की आवाज
भला कैसे हो सकती है
धीमी और संयत।