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आँखि / उदय नारायण सिंह 'नचिकेता'
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समस्त सौर- मंडलक
एक आँखि पृथ्वी,
आ' एक आँखि आकाश।
पृथ्विक आँखि मे नोर डबडब करैछ;
आकाश पानि बरसा रहल अछि।