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आज आयी दिवाली मधुर रात है / रंजना वर्मा

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आज आयी दिवाली मधुर रात है
आप हों पास मेरे तो क्या बात है

पाँत है जगमगाने लगी दीप की
रौशनी की अनोखी ये' सौगात है

नाच कर चरखियाँ दिल लुभाने लगीं
आज राकेट से किरणों की' बरसात है

आज काला हुआ है गगन इसलिये
चाँदनी की हुई चाँद से घात है

फिर दिये जल गये राह अरु हर गली
रात की आज तो हो रही मात है

रंग ले कर असित गर्व फूला तिमिर
ज्योति के साथ में रंग भी सात है

या रहो तुम यहाँ या रहूँ मात्र मैं
ज्योति तम का यही मात्र अनुपात है