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आतंक का साम्राज्य / निदा नवाज़
Kavita Kosh से
बारूदी धुएं से
बह जाती हैं
आंसुओं के साथ साथ
चाहतों की ओस भी
मेरे उस शहर में
जहां नफ़रत का राजकुमार
मक्कारी का मुकुट पहने
आतंक के सिंहासन पर बैठे
राज कर रहा है.