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आत्महत्या / होर्खे लुइस बोर्खेस
Kavita Kosh से
रात में एक भी सितारा नहीं बचेगा
रात तक नहीं बचेगी.
मैं मरूँगा और मेरे साथ ख़त्म होगा
असहनीय ब्रह्माण्ड का सारांश
मैं मिटा दूँगा पिरामिड, सिक़्क़े,
महाद्वीप और तमाम चेहरे ।
सँचित अतीत को मिटा दूँगा
मिटटी में मिला दूँगा इतिहास को, मिट्टी को मिट्टी में
अब मैं देख रहा हूँ आख़िरी सूर्यास्त
सुन रहा हूँ अन्तिम पक्षी को
किसो को कुछ भी नहीं दूँगा मैं वसीयत में