आबी जैथौं बहार / ब्रह्मदेव कुमार
साजन- चल गे गंगिया काम करैलेॅ, गारंटी योजनमां में।
आबी जैथौं बहार घुरी, आपनों जीवनमां में॥
सजनी- हम्मेॅ नैं जैभौं काम करै लेॅ, गारंटी योजनमां में।
हमरा नै भरोसोॅ होय छौं, अपनोॅ मनमां में॥
साजन- भारत सरकारें चलैलकै, गरीबोॅ लेली ई योजनमां
एक परिवारोॅ केॅ देतै, काम सालोॅ में सोॅ दिनमां।
आबेॅ नै रहतै गरीबी-बेकारी, ई कल्पित परणमां में
आबी जैथों बहार घुरी, आपनोॅ जीवनमां में॥
सजनी- की छेकै एकरोॅ नियम, काम केना केॅ मिलतै
काम करै लेली बोलोॅ, की-की करै लेॅ पड़तै।
देखी लाचारी, सोची-विचारी, सांझ-विहनमां में
हमरा नै भरोसो होय छौं, आपनों मनमां में॥
साजन- ग्राम पंचायत में करैबै, परिवारोॅ के पंजीकरण
पनरे दिनोॅ में मिलतै, जाॅब कार्ड आरो निबंधन।
फेनू दरखास देबै काम मांगै लेॅ, राखिहोॅ गियनमां में
आबी जैथौं बहार घुरी, आपनोॅ जीवनमां में॥
सजनी- छेकै ई काम सरकारी, की छै गारंटी एकरोॅ
जौं काम नै मिलतौं तेॅ, फेनु की लेभोॅ तों केकरोॅ।
डारोॅ छुटतै-पातोॅ छुटतै, ई धरियोॅ धियनमां में
हमरा नै भरोसोॅ होय छौं, आपनोॅ मनमां में॥
साजन- चिंता नै करोॅ सजनियाँ, ई छै एलान सरकारी
जों काम नै देतै तेॅ, देतै भŸाा बेरोजगारी।
यही लेॅ एकरोॅ नाम छै, गारंटी योजनमां में
आबी जैथौं बहार घुरी, आपनों जीवनमां में॥
सजनी- रोजे कमाय छी-खाय छी, कौने बुझतै ई मजबूरी
केतना आरो कैह्या, केना मिलतै मजदूरी।
कथी लेॅ जैभोॅ मूड़ी झोकै लेॅ, अकच परणमां में
हमरा नै भरोसोॅ होय छौं, आपनोॅ मनमां में॥
साजन- डाकघर या बैंकोॅ में, खाता खोलाय लेॅ लागथौं
सरकारी न्यूनतम मजदूरी, खाता में सीधे जैथौं।
देरी होला सेॅ देतै मुआवजा, ई छै विधनमां में
आबी जैथौं बहार घुरी, आपनोॅ जीवनमां में॥
सजनी- तबेॅ सेॅ सहिये में छै, कामोॅ के गारंटी
कामोॅ के साथोॅ में छै, दामोॅ के गारंटी।
मतुर गोदी के ई बुतरूवा, कानतै एंगनमां में
हमरा नै भरोसोॅ होय छौं, आपनोॅ मनमां में॥
साजन- छै सरकारी व्यवस्था, बच्चोॅ-बुतरू खेलाय के
छाया-पानी के सुविधा, डाक्टरी दवाय दिलाय के।
आभियोॅ तेॅ बोलोॅ, कमाय लेॅ चलोॅ, मिली केॅ संगमां में
आबी जैथों बहार घुरी, आपनों जीवनमां में॥
सजनी- खुश होलौं जे मनमां, सुनी केॅ तोरोॅ बतिया
साथैं में रहबै दुनोॅ, आबेॅ दिन आरो रतिया।
रोजे होली, रोजे दिवाली, ऐतै जीवनमां में
चलोॅ जैबै काम करै लेॅ, गारंटी योजनमां में॥