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आभास / विजयशंकर चतुर्वेदी
Kavita Kosh से
उठा नहीं हूँ उठ-सा गया हूँ
गिरा नहीं हूँ गिर-सा गया हूँ
भरा नहीं हूँ भर-सा गया हूँ
डरा नहीं हूँ डर-सा गया हूँ
जिया नहीं हूँ जी-सा गया हूँ
मरा नहीं हूँ मर-सा गया हूँ।